डीएम-एसपी के न पहुंचने से मायूस लौटे फरियादी, लगातार दूसरी बार अधर में लटका तहसील दिवस
डीएम-एसपी के न पहुंचने से मायूस लौटे फरियादी, लगातार दूसरी बार अधर में लटका तहसील दिवस
पट्टी। तहसील दिवस की वह परंपरा, जिसमें जिले के सबसे जिम्मेदार अधिकारी आम जन की समस्याओं को सुनते और मौके पर समाधान का भरोसा देते हैं, लगातार दूसरी बार अधूरी रह गई। शनिवार को पट्टी तहसील सभागार में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित तहसील दिवस में जिलाधिकारी (डीएम) व पुलिस अधीक्षक (एसपी) की अनुपस्थिति ने फरियादियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीण और फरियादी अपनी अलग-अलग समस्याओं व शिकायतों का संबल लेकर आए थे। अधिकांश का विश्वास था कि वे सीधे डीएम और एसपी तक अपनी बात पहुंचा पाएंगे। लेकिन जब तहसील दिवस समाप्ति की ओर बढ़ा तो उपस्थित लोगों को यह जानकारी मिली कि दोनों अधिकारी आज यहां नहीं आएंगे। मायूस होकर फरियादी अपने आवेदन एसडीएम को सौंपने के बाद भारी निराशा के साथ लौट गए।
पिछली बार भी टला था अवसर
यही स्थिति इससे पहले आयोजित तहसील दिवस में भी हुई थी। मोहर्रम पर्व के चलते पिछले महीने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कुंडा चले गए थे, जिसके कारण पट्टी तहसील दिवस में उनकी उपस्थिति नहीं हो सकी थी। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार दोनों अधिकारी जरूर पहुंचेंगे और उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देंगे, लेकिन इस बार भी फरियादियों की आशाओं को ठेस पहुंची।
ऑनलाइन बैठक बनी वजह
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आयोजित ऑनलाइन मीटिंग के चलते डीएम और एसपी तहसील दिवस में शामिल नहीं हो सके। हालांकि तहसील दिवस में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे और उन्होंने अपनी स्तर से आवेदन पत्रों को प्राप्त कर निस्तारण का आश्वासन दिया।
फरियादियों में नाराजगी
लगातार दूसरी बार जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की गैरमौजूदगी से फरियादियों में नाराजगी और मायूसी दोनों दिखी। कई ग्रामीणों का कहना था कि तहसील दिवस केवल औपचारिकता बनकर रह गया है। उनका सवाल था कि यदि सबसे बड़े अधिकारी ही नहीं आएंगे तो जनता अपनी समस्याएं किससे साझा करेगी और समाधान कब होगा।
ग्रामीणों की मांग
फरियादियों ने जिलास्तरीय व तहसीलस्तरीय जनसुनवाई की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि सरकार की प्राथमिकता आम जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण है, ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों को हर हाल में तहसील दिवस में उपस्थित रहना चाहिए।
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